जन्म | : | श्रावण शुक्ल 3 संवत् 1943 (3 अगस्त सन् 1886) मंगलवार |
जन्म स्थल | : | चिरगांव (झांसी) |
पिताश्री | : | सेठ रामचरण कनकने “कनकलता“ |
माताश्री | : | श्रीमती काशीबाई |
नामकरण | : | लाला मदन मोहन जू (नामकरण संस्कार) मिथिलाथिप नन्दिनीशरण (पिताजी द्वारा नाम) |
शिक्षा | : | प्राथमिक शिक्षा चिरगांव, माध्यमिक शिक्षा मैकडोनल हाईस्कूल, झांसी। हिन्दी, संस्कृत, अंग्रेजी, उर्दू तथा |
विवाह | : | 1895 प्रथम |
काव्य रचना | : | 1898 में बृजभाषा में प्रारम्भ। |
प्रथम पत्नी की मृत्यु | : | 1903 में। |
पितृ शोक | : | 1903 में। |
मातृ शोक | : | 1904 में। |
दूसरा विवाह | : | 1904 में। |
प्रथम कृति | : | 1909 में ‘ रंग में भंग ‘ इंडियन प्रेस से। |
साहित्य सदन | : | 1911 में चिरगांव में स्थापना। |
भारत भारती | : | 1912 में प्रकाशित। |
दूसरी पत्नी की मृत्य | : | 15 सितंबर 1914 में। |
तीसरा विवाह | : | 1917 में श्रीमती सरयू देवी (जिया) के साथ। |
1918 | : | गांधी और टण्डनजी से इंदौर में भेंट। |
1918 | : | गणेश शंकर विद्यार्थी द्वारा स्थापित प्रताप में ट्रस्टी बने। |
1920 | : | साहित्य सदन प्रेस, चिरगांव की स्थापना। |
1932 | : | ‘ साकेत ‘ का प्रकाशन । |
1936 | : | गांधी जी द्वारा काशी में राष्ट्रकवि घोषित। उर्मिला जी का जन्म। |
1937 | : | मंगला प्रसाद पुरस्कार साकेत पर। |
1941 | : | 16 अप्रैल 1941 को राजनैतिक बंदी (आगरा जेल) |
1942 | : | हिन्दी विभाग, लखनऊ विश्वविद्यालय द्वारा सम्मानित। |
1945 | : | गुप्त हीरक जयंती द्वारा कलकत्ता में सम्मानित। |
1946 | : | नगरी प्रचारिणी सभा द्वारा सम्मानित व रूपए 10,000 की भेंट। |
1948 | : | आगरा विश्वविद्यालय द्वारा डी. लिट की मानद उपाधि |
1952 | : | राज्यसभा द्वारा सदस्य मनोनीत। |
1954 | : | भारत सरकार द्वारा ‘पदम भूषण’ उपाधि से अलंकृत। |
1958 | : | राज्यसभा के लिए पुनः मनोनीत। |
1960 | : | राष्ट्रपति द्वारा अभिनन्दन ग्रंथ का समर्पण। |
1961 | : | सरस्वती हीरक जयन्ती समिति, प्र |
1963 | : | 12 मार्च को राज्यसभा से अवकाश ग्रहण |
1964 | : | राष्ट्रपति राधाकृष्णन द्वारा सम्मान। |
1964 | : | 12 दिसम्बर को चिरगांव में महाप्रयाण। |