गहोई समाज कटनी , सभी के लिए गौरवशाली, सुसंपन्न , सुसंस्कारिक, सभी सामाजिक बंधुओं से सहयोग का आवाहन करती है हम एक उन्नतशील और प्रबुद्ध समाज के निर्माण मे हम एक शांतिपूर्ण और प्रबुद्ध समाज के निर्माण में सबसे अधिक योगदान देने में विश्वास करते हैं। हम एक कुरीतियों से मुक्त निर्माण की ओर अग्रसर है और अस्पृश्यता, अंधविश्वास और रूढ़िवादी मान्यताओं को त्याग कर व्यापक सोच और स्वीकृति का वातावरण बनाते हैं। गहोई समाज कटनी वैवाहिक जानकारी के लिए वैवाहिक पंजीयन पेज उपलब्ध है जिस पर कोई भी सामाजिक बंधु विवाह योग्य युवक-युवतियों की जानकारी प्रेषित कर पंजीयन करा इस वेबसाइट का लाभ उठा सकते हैं
गहोई एक मध्य भारत में एक व्यापारी समुदाय है । तथा एक भारतीय उपनाम है।[1] गहोई समुदाय को 12 गोत्रों में बांटा गया है, प्रत्येक गोत्र छः उपजातियों में विभाजित हैं। गहोई समाज का मुख्य क्षेत्र बुंदेलखण्ड है। इस समाज के अधिकांश लोग ग्रामीण क्षेत्रों मे रहकर कृषि, व्यवसाय तथा गोपालन का कार्य करते है ।
ग्रहापति कोक्काल शिलालेख में उल्लिखित “ग्रहापति” परिवार को उसी समुदाय से माना जाता है जिसे अब गहोई के नाम से जाना जाता है।[2]खजुराहो अवस्थित यह शिलालेख जिसपर विक्रम संवत १०५६, कार्तिक मास अंकित है, ग्रहपति परिवार का सबसे पुराण संकेत है[3] गहोई वैश्य महासभा की स्थापना 1930 मे स्व.श्री ज्वाला प्रसाद जी बिलैया जी द्वारा की गयी ।
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गहोई समाज व्यापारिक समूह
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